कृष्ण जन्माष्टमी 2020: समारोह, शुभकामनाएँ, उद्धरण और चित्र, समय, तिथि, जब!
जन्माष्टमी पर आपको,आपके परिवार और दोस्तो को इस शुभ अवसर पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Krishna Janmashtami 2020
Happy Krishna Janmashtami 2020
जन्माष्टमी पर आपको,आपके परिवार और दोस्तो को इस शुभ अवसर पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
जन्माष्टमी का इतिहास
कृष्ण जन्माष्टमी हर साल की तरह इस साल भी जन्माष्टमी का त्यौहार बहुत ही धूमधाम और खुशी से मनाया जाएगा। पुराने कथाओ के अनुसार कृष्ण का जन्म अगस्त या सितंबर के भाद्रपद के महीने मे अमावस्या के दिन अष्टमी पक्ष के अनुशार कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण के माता-पिता देवकी और वासुदेव थे। कृष्ण अपने माता पिता के आठवीं संतान पुत्र थे जो दुष्ट राजा कंस का पतन का कारण बना। कृष्ण की माता दुष्ट राजा कंस की बहन थी।
राजा कंस बहुत ही दुष्ट राजाओं मे से एक था जैसे ही उसने यह बात सुनी वह कृष्ण के माता पिता देवकी और वासुदेव को अपने कैदखानो मे बंदी बना लिया। पहेले ही दुष्ट राजा कंस ने अपने छह बच्चों को मार दिया और फिर बलराम के जन्म के समय जो दुष्ट राजा कंस के सातवें संतान थे तो उसे भी राजकुमारी रोहिणी के गर्भ से रहस्यमय तरीके से बच्चे को स्थानांतरित कर दिया था।
जब कृष्ण के जन्म हुआ तो उसे भी दुष्ट राजा कंस के द्वारा मारने का प्रयास किया गया लेकिन कृष्ण के पिता वासुदेव ने कृष्ण को वहाँ से बचा कर वह वृंदावन के नंद बाबा और यशोधा के हाथो मे अपने बच्चे कृष्ण सौप दिया।
वासुदेव अपनी एक बच्ची को लेकर राजा कंस के दरबार मथुरा मे वापस आये तो राजा कंस ने भी उस बच्ची को भी मारने का पर्यतन किया,फिर वह बच्ची देवी दुर्गा की रूप धारण कर के उसने कंस को कयामत के आने के बारे मे चेतावनी दी।
Janmashtami 2020 images
दही हांडी का इतिहास
भगवान कृष्ण बचपन से ही बहुत शरारती था,वह उसके पिता के छोड़ जाने के बाद कृष्ण नंद और यशोधा के देखभाल मे ही बड़े हुए। भगवान कृष्ण को बचपन से ही माखन या सफेद मक्खन, दही,दूध आदि चीजों के खाने के शौकीन थे।भगवान कृष्ण को माखन चोर भी एक तरह से बुलाया जाता था क्योंकी वह हमेशा अपने आस-पड़ोस के घर से मक्खन चुराय करता था। भगवान कृष्ण बचपन मे बहुत शरारती होने के वजह से उनकी माँ यशोधरा परेशान होकर उससे अक्सर रस्सी से बांध कर रखती थी। कृष्ण बचपन मे बहुत शरारती होने के कारण कृष्ण को माखन चोर के नाम से जाना जाता था।
वृंदावन मे कृष्ण सबके घरों से माखन खाया करते थे तो वृंदावन के महिलाओं द्वारा माखन को बचाने के लिए वह अपने घरों मे माखन को ऊंचाईयो जगह पर रखा करती थी। लेकिन कृष्ण के पास तरीके कुछ अलग थे वह अपने दोस्तो के साथ मिलकर माखन को उन ऊंचाईयो से पिरामिड बना कर माखन को चुराया करते थे।
कृष्ण के इन घटनाओ के वजह से आज हर वर्ष जन्माष्टमी के दिन दही हांडी फोड़ का पूर्ण रूप से आयोजन किया जाता है। जन्माष्टमी मे दही हांडी फोड़ का आयोजन मे गोविंदा नामक प्रतिभागियों द्वारा किया जाता है जिसमे युवा लड़के 9 स्तरीय मे अपने अपने लोगो के साथ इस प्रतियोगीता का हिस्सा बनते है। इस प्रतियोगीता मे युवा लड़के 20 फिट की ऊंचाई मे जाकर दही हांडी को फोड़ते है। जन्माष्टमी के दिन आज भी छोटे हो या बड़े जगह या शहरों मे दही हांडी फोड़ का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
जन्माष्टमी: दिन, तिथि और पूजा का समय
जन्माष्टमी तीथ - अगस्त, 11 निशिता पूजा का समय - सुबह 12:21से 01:06 बजे, 12अगस्त अगस्त 12 अगस्त को अष्टमी तिथि 09:06 से शुरू होकर 12 अगस्त की अष्टमी तिथि 11:16को समाप्त होती है।
कृष्ण जन्माष्टमी 2020: समारोह, शुभकामनाएँ, उद्धरण और चित्र, समय, तिथि, जब!
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