दुर्गा पूजा 2020:महत्व,तारीख,इतिहास,निबंध
विशेश,कोट्स और इमजेस
दुर्गा पूजा का महत्व
भारत मे हिंदू धर्मो का सबसे बड़ा त्योहार दुर्गा पूजा जल्द ही शुरू होने वाला है जो की 22 ओक्टुबर से से शुरू होगा।भारत मे हर साल की तरह इस साल भी दुर्गा पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाने जाने वाला है लेकिन इस साल महामारी के कारण लोग इस साल लोग दुर्गा पूजा के त्योहार को बहुत ही पाबंदी और कई सारे नियम के साथ इस त्योहार को मनाने वाले है। दुर्गा पूजा हिन्दू धर्मों के अनुशार यह त्योहार वार्षिक त्योहारों मे से एक बड़ा हिन्दू धर्मों का त्योहार है,जो की भारत मे हर साल मनाया जाता है। दुर्गा पूजा त्योहार कई सारे नाम हिन्दू धर्मों के अनुशार जाना जाता है जैसे दशहेरा ,दुर्गोत्सव और षष्ठोत्सव नामो से बुलाया जाता है। भारत देश मे यह त्योहार छः दिन (महालय)से ले कर 10 दिन (विजयादशमी) तक मनाया जाता है। दुर्गा पूजा हर साल के अश्विन महीने मे इस त्योहार को मनाया जाता है,इस दिन देवी दुर्गा को महालय के दिन से लेकर विजयादशमी दिन तक पूजा किया जाता है। दुर्गा पूजा त्योहार का मनाने का महत्व यह है कि देवी दुर्गा हर बुराई शक्ति से रक्षा करती है जिससे बुराई होने वाले शक्तियो का नाश होता है।
दुर्गा पूजा इमजेस
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Durga maa |
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दुर्गा पूजा कोट्स
माँ दुर्गा जहा भी हो,
हर बुराई शक्ति का नाश हो।
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
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जो भी दुर्गा माँ की शरण मे आया है
उसका हर दुःख दर्द मिटाया है।
शुभ दुर्गा पूजा
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दुर्गा पूजा का त्योहार आया
सबके घरों मे दुर्गा माँ खुशिया लाया।
दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं
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दुर्गा पूजा के इतिहास
हम सभी जानते है दुर्गा पूजा हिन्दूओ का सबसे बड़ा वार्षिक त्योहार है। इस दिन से दुर्गा माँ को विजय दशमी तक पूजा किया जाता है। भारत के कई सारे हिस्सों मे इस त्योहार को नवरात्रि के रूप मे मनाते है। दुर्गा पूजा के सबसे महत्वपूर्ण चार दिन होते महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी और सबसे अन्त मे विजय दशमी इन दिनों मे बहुत ही शांति के साथ इस त्योहार को मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा आखिर इसलिए मनाया जाता है क्योंकी
हिन्दूओं के पुराने कथाओं मे यह बताया गया है की उस समय मे दुर्गा माँ एक बड़े महिषासुर दानव को मारकर जीत उससे जीत हासिल किये और ये लड़ाई दुर्गा माँ ने सातवें दिन से लेकर विजय दशमी के अंतिम दिन तक जारी रखा और उसे मार कर जीत हासील की और पुरी पृथ्वी की रक्षा किए और इसी दिन से दुर्गा पूजा की स्थापना हुआ।
दुर्गा पूजा के सभी दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है क्योंकी इससे हिंदुओं के सभी बुराई शक्तियों का नाश होता है और अच्छी शक्तियां प्रदान होती है।दुर्गा माँ हमेशा अपने वाहन शेर और दस भुजाएँ के साथ अलग-अलग तेज़ धार वाले हथियारों के साथ प्रकट होती है। दुर्गा माँ को एक नाम से नहीं बल्कि
कई नामो से जानते है जैसे अम्बा,पार्वती,गौरी और महिषासुरमर्दिनी जैसे और अन्य कई सारे नाम से जाना जाता है।
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के लिए सबसे बड़ा त्योहार माना
जाता है क्योँकि इस त्योहार को प्राचीन समय से ही बहुत ही खुशी के साथ मनाया जा रहा है। भारत के कई छोटे बड़े राज्यो मे बहुत ही उत्सव के साथ मनाया जाता है। भारत मे सबसे ज्यादा दुर्गा पूजा को धूमधाम से मनाने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है, इस राज्य मे आज से नही बल्कि 1500 के दशक से ही दुर्गा पूजा को मनाया जा रहा है। भारत मे यह
सभी त्योहारों का सबसे बड़ा त्योहार है जिससे भारत के इस त्योहार को अब भी स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है।
दुर्गा पूजा भारत मे कई हिस्सों मे देवी की बड़ी और छोटी मूर्तियां बनाई जाती है और दुर्गा देवी के मूर्ति को लाइट और फूलों द्वारा सजाया जाता है। दुर्गा पूजा के लिए बड़े-बड़े पंडालो को बनाया जाता है जिससे देवी दुर्गा की पूजा अर्चना किया जा सके। दुर्गा पूजा त्योहार बहुत ही शानदार तरीके सजावट के साथ साथ सेसार्वजनिक समारोहों गीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। देवी दुर्गा के मूर्ति को विजयदशमी के दिन पानी मे बहुत ही खुशी के साथ विसर्जित किया जाता है और सभी लोग विसर्जन के बाद देवी दुर्गा को इस साल की तरह अगले साल आने के लिए सच्चे दिल से प्रथाना करते है।
दुर्गा पूजा की कैलेंडर तारीख
पहेला दिन : 17 अक्टूबर को घटस्थापना
द्वितीया दिन : 18 अक्टूबर को चांद दर्शन और ब्रह्मचारिणी पूजा
तृतीया दिन: 19 अक्टूबर को सिंदूर
चतुर्थी दिन : 20 अक्टूबर कुष्मांडा पूजा
पंचमी दिन : 21 अक्टूबर स्कंदमाता पूजा
षष्ठी दिन: 22 अक्टूबर कात्यायनी पूजा
सप्तमी दिन : 23 अक्टूबर कालरात्रि पूजा
अष्टमी दिन : 24 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी
नवमी दिन : 25 अक्टूबर नवरात्रि, विजयादशमी
दशमी दिन : 26 अक्टूबर दुर्गा विसर्जन
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